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सरे-आम मुझे ये शिकायत है ज़िन्दगी से, क्यूँ मिलता नहीं मिजाज़ मेरा किसी से। Sar-e-Aam Mujhe Ye Shikayat Hai Zindagi Se, Kyun Milta Nahi Mijaaz Mera Kisi Se. आराम से तन्हा कट रही थी तो अच्छी थी, ज़िन्दगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी। Aaram Se Tanha Kat Rahi Thi To Achchhi Thi, Zindagi Tu Kahan Dil Ki Baaton Mein Aa Gayi.
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