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माना कि नाकाम हूंँ मैं, मैं अक्सर दुनियादारी में हार जाता हूँ, क्योंकि दुनिया के इरादों से अनजान हूँ मैं, हांँ... माना कि नाकाम हूंँ मैं, मगर इरादें नेक हैं मेरे, और तौर-तरीकों से आज भी इंसान हूँ मैं।।
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