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सपने ही टूटे हैं अभी उम्मीद बाकी हैं! धैर्य मत खोना भोर की नीद बाकी हैं! थोडा बकरों को उछल कूद करने दो ! अभी त्यौहारों में बकरीद बाकी हैं!! आसमा को चादर से ढक कर जाएंगे, अभी हौसलों की अपनी मुरीद बाकी...
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